आज के समय में भारी मात्रा में बैंक के द्वारा लोगों के बीच लेनदेन देखने को मिलती है। इसी बीच हमेशा जानकारी जानना अत्यंत आवश्यक है की लेनदेन के दौरान चेक पर अक्सर यह जानकारी देखने की आवश्यकता है कि उन पर कुछ नंबर लिखे होते हैं।
इन नंबर का मतलब आखिर क्या होता है हमें इस नंबर को किस प्रकार से छुपा कर रखना चाहिए या क्या यह नंबर सेकंड नंबर हो सकता है चलिए इन सभी तमाम सवालों के जवाब का उत्तर इस लेख के माध्यम से सभी के साथ साझा किया जा रहा है।
चेक नंबर
यह जानकारी हमें जानना अत्यंत आवश्यक है कि जो भी नंबर चेक पर लिखे जाते हैं। उसकी पूरी कुंडली चेक पर उपलब्ध नंबर के रिकॉर्ड के माध्यम से जो भी अच्छा अंक प्रदान किए जाते हैं। वह काफी सेकंड नंबर होता है इसी के जरिए यदि कोई व्यक्ति अपना चेक को पैसे के रूप में प्राप्त कर सकते हैं।
MICR कोड
यानी कि चेक पर दिए गए नंबर से यह साफ-साफ चाहिए होता है कि यह नंबर काफी सेकंड नंबर में से एक होता है। जबकि इसके अलावा MICR कोड के जरिए इस कोड को मशीन द्वारा पढ़ी जाती है। उसके बाद चेक रिनु करके लोगों के बीच प्रदान की जाती है। यह 9 अंकों का नंबर है जो तीन अलग-अलग हिस्सों में बंटी हुई होती है।
सिटी कोड
यह कोड तीन अंको का होता है जो शहर के पहले तीन डिजिट पिन कोड को इस नंबर के जरिए प्रदर्शित किया जाता है। इस नंबर को आप देखकर आसानी से पता लगा सकते हैं कि आपके शहर आपके पास चेक आया है।
बैंक कोड
MICR कोड को तीन अंको से प्रदर्शित किया जाता है जिसकी सहायता से आप बैंक के कोर्ट का पता लगा सकते हैं। यह जानकारी प्रस्तुत की जाती है कि इस नंबर से साफ-साफ जाहिर होता है कि आपका किस बैंक का चेक है।
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