सरकार के द्वारा रबी फसल को लेकर यह जानकारी प्रस्तुत की जा रही है कि वर्तमान समय में 649 किसानों ने गेहूं की रजिस्ट्री कराई है। जिसमें सिर्फ 150 किसान के द्वारा 10 क्विंटल गेहूं की खरीदारी की गई है। ऐसे में अनुमानित गेहूं का उत्पादन करीबन 2 लाख 43000 144 मेट्रिक टन बताई गई है। ऐसे में क्या भारतीय बाजारों में गेहूं की कीमत में बढ़ोतरी देखने क्यों मिलेगी लिए पूरा मामला क्या है जानतेहैं।
सरकार की नई फैसले अनुसार यदि कोई व्यक्ति वर्तमान समय में गेहूं की बिक्री करने के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें यह जानकारी प्रस्तुत की जाती है कि आगामी समय को देखते हुए जिस प्रकार से किसानों के द्वारा गेहूं की बिक्री नहीं की जाती है। जिसके चलते कार्यालय में परेशानी देखने को मिल रही है। ऐसे में किसान भाइयों की गेहूं की कीमत बढ़ाने वालीहै।
टैक्स अध्यक्ष व प्रखंड सहकारी पदाधिकारी
ऐसा बताया जाता है कि गेहूं खरीदारी को लेकर पंजीयन का कार्य को 20 जनवरी से शुरू कर दी गई है। दरअसल सरकार की ओर से गेहूं बेचने एवं रजिस्ट्री करने की जानकारी टैक्स अध्यक्ष व प्रखंड सहकारी पदाधिकारी को दी गई है।
उसके बाद गांव तक किसानों को गेहूं की बिक्री करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। ऐसे में जो किसान भाई गेहूं बेचने के लिए रजिस्ट्री करने के बारे में सोच रहे हैं। उन्हें 25 जून से पहले ऑनलाइन के सहायता से रजिस्ट्री करने की आवश्यकता है। तभी उनकी गेहूं की अधिकतम मूल के साथ बचने के लिए सरकार की ओर से कही जाएगी।
विभाग के रिपोर्ट अनुसार
आंकड़ा अनुसार ऐसा देखा जा रहा है कि 84166 हेक्टेयर गेहूं की विभाग के रिपोर्ट अनुसार की गई है। जबकि जिले में गेहूं की बुआई 84166 हेक्टेयर हुई है। जबकि 10254 हेक्टेयर बुवाई को लेकर जानकारी रखी गई थी। जबकि ऐसा देखा जाता है कि जिले में 22 लाख 92 हजार क्विंटल गेहूं की उपज देखने को मिली है।
क्या ऐसे में किसान भाइयों को अपने गेहूं की खरीद बिक्री करनी चाहिए तो जानकारी के लिए मैं बता दूं कि वर्तमान समय में गेहूं की कीमत प्रति क्विंटल के हिसाब से ₹2400 बताई जाती है। यदि किसान भाइयों द्वारा अपने गेहूं को नहीं बेच जाते हैं। तब सरकार के द्वारा उनकी गेहूं की कीमत 2600 से लेकर 2800 के बीच देखने को मिल सकती है।
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