केंद्रीय कर्मचारियों ने एक बार फिर सरकार से 8वें वेतन आयोग के गठन की मांग की है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में वेतन, भत्ते और पेंशन में बढ़ोतरी जरूरी है। 2024 में आने वाले बजट से पहले सरकार को यह मांग मिली है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को लोकसभा में भारत का 2024-25 का बजट पेश करेंगी। यह मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट होगा।
वेतन आयोग हर 10 साल में गठन होता है
वेतन आयोग हर 10 साल में गठन किया जाता है। इसका उद्देश्य केंद्र सरकार के कर्मचारियों की वेतन संरचना, भत्तों और अन्य लाभों की समीक्षा करना है। यह महंगाई और अन्य कारकों के आधार पर बदलावों की सलाह देता है, जिससे कर्मचारियों का जीवन स्तर सुधारता है और उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
केंद्रीय वेतन आयोग वाणिज्यिक नोटिफिकेशन के माध्यम से स्थापित किया जाता है।
सामान्यतः हर दस साल में केंद्रीय वेतन आयोग की स्थापना होती है। यह आयोग केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और अन्य लाभों की समीक्षा करता है और सिफारिश देता है। इन सिफारिशों में महंगाई और अन्य बाहरी कारकों का ध्यान रखा जाता है। पिछली बार 28 फरवरी 2014 को 7वें वेतन आयोग की गठन किया गया था। इसने 19 नवंबर, 2015 को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की थी, जिसकी सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हो गई थीं।
क्या बजट 2024 में 8वें वेतन आयोग का ऐलान होगा?
सिंघानिया एंड कंपनी की पार्टनर रितिका नय्यर द्वारा इकनॉमिक टाइम्स ने बताया कि यह बजट मोदी सरकार की तीसरी बार सत्ता में वापसी के बाद का पहला बजट है और वेतन आयोग की समयसीमा भी निकट आ रही है।
इसलिए, चुनाव के बाद मध्यम वर्ग के वित्तीय हितों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। इसके लिए सरकार को तैयारी शुरू करने की जरूरत है, जो अर्थव्यवस्था को तो बढ़ावा दे सकती है लेकिन सरकारी खजाने पर दबाव डाल सकती है।