Bihar Bhumi Registry
वर्तमान समय में जमीन रजिस्ट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से अभी-अभी एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है, कि अब बगैर जमाबंदी व होल्डिंग कायम हुए किसी भी जमीन की खरीद बिक्री नहीं कर सकते हैं। कोर्ट के इस मामले में विस्तृत सुनवाई अगली तारीख सितंबर महीने तक तय की है। ऐसा बताया जा रहा है कि न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति अरविंद कुमार की खंडपीठ ने समीउल्लाह की ओर से दायर एसएलपी (सिविल) को लेकर आदेश जारी की गई है। चलिए पूरी खबर इस लेकर माध्यम से क्या है जानते हैं।
कम होने लगी थी जमीन की रजिस्ट्री
अधिवक्ता मनन कुमार मिश्रा और अधिवक्ता अंजुल द्विवेदी ने या कोर्ट को जानकारी दी है कि राज्य सरकार ने 10 अक्टूबर 2019 को बिहार में निबंध नियमावली के नियम 19 में संशोधन कर नया नियम को जोड़ा दिया गया। जिसके चलते जमीन रजिस्ट्री के साथ जमीन की खरीद बिक्री में काफी ज्यादा परेशानी लोगों को देखने को मिलती है और यह देखी जा रही है की जमीन बेचने वाले या फिर दान करने वाले जमाबंदी और होल्डिंग कायम हो। इस आदेश को खारिज होने के बाद बिहार के निबंधन कार्यालय में जमीन रजिस्ट्री काफी कम देखने को मिल रही है।
60 फीसदी दस्तावेजों की रजिस्ट्री घटी
वर्तमान समय में ऐसा देखा जा रहा है कि बिहार में भूमि विवाद एवं फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगाने के लिए सरकार की ओर से 21 फरवरी 2024 को जमाबंदी की अनिवार्यता लागू की गई थी। जिसके चलते जमीन की खरीद बिक्री को लेकर लोगों के बीच काफी बड़ा असर देखने को मिल रहा है ऐसा देखा जा रहा है की जमीन रजिस्ट्री एवं खरीद बिक्री में 80 फीसदी से अधिक गिरावट देखने को मिल रही है। जबकि यदि पिछले महीने की आंकड़ा देखी जाए तो आप अप्रैल एवं वर्तमान मई मैं जमीन रजिस्ट्री की दस्तावेज संख्या 60 फीसदी जबकि राजस्व में 50 फीसदी की कमी देखने को मिल रही है।
अप्रैल-मई माह में 50 फीसदी राजस्व
अधिकारियों के द्वारा यह जानकारी दी जा रही है कि नए जमाबंदी नियम के वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2022-23 के मुकाबले लगभग 15 लाख कम दस्तावेज रजिस्ट्री के लिए जमा हुई है। जबकि पिछली आंकड़ा देखी जाए 2022-23 में 1.54 करोड़ दस्तावेज रजिस्टर किए गए थे। जबकि नए आखिरी अनुसार 1.40 दस्तावेज रजिस्ट्री में कमी देखने को मिल रही है। यानी ओवरऑल देखी जाए तो रजिस्ट्री के मुकाबले मात्र 33000 दस्तावेज रजिस्ट्री को लेकर संभव हुए हैं।
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