बिहार बोर्ड परीक्षा में बहुत सारे विद्यार्थी पास होते हैं। जिसमें टॉप लिस्ट में शामिल विद्यार्थी को इंटरव्यू लिया जाता है। इंटरव्यू के दौरान उनसे प्रत्येक सब्जेक्ट से संबंधित क्वेश्चन को पूछे जाते हैं। लेकिन किसी कारण बस उन्हें क्वेश्चन का आंसर देने में असफलता या फिर असमर्थ होते हैं। ऐसे विद्यार्थी को बिहार बोर्ड परीक्षा समिति के माध्यम से टॉपर्स को स्कैन में बदनाम किया जाता है। इसलिए बिहार बोर्ड के द्वारा प्रत्येक विषय में टॉपर्स विद्यार्थियों को इंटरव्यू लिया जाता है।
साथ उनका वेरिफिकेशन एवं हैंडराइटिंग का भी मिलान किया जाता है। यदि आंकड़ा अनुसार देखी जाए तो इंटर इंटरमीडिएट परीक्षा में सर्वाधिक टॉपर नजर सामने आए हैं। जिसमें प्रत्येक जिले से अच्छे अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों की संख्या देखने को मिली है। यदि आप भी इन सभी तमाम टॉपर्स लिस्ट की जानकारी एवं टॉपर्स के बारे में जानना चाहते हैं। इसके साथ ही आप यह भी जाना चाहते हैं। कि पॉलिटिकल साइंस में कौन से विद्यार्थी असफल या फिर फर्जी टॉपर्स में गिनती आए हैं। चलिए इन तमाम जानकारी को इस लेख में जाने का प्रयास करते हैं।
Bihar Board Farji Topper List का खुलासा
रिपोर्ट अनुसार ऐसा देखा गया है कि बिहार इंटरमीडिएट पटना जिले के इस बार सर्वाधिक टॉपर देखने को मिली है। सभी टॉपर के घोटाले को लेकर सुर्खियां में रहे वैशाली जिले के टॉपर्स का पोल सामने खुल गया है। दरअसल ऐसा देखा गया है कि बिहार बोर्ड में कड़ीबन साइंस कॉमर्स और आर्ट को मिलाकर कुल विषयों में 24 छात्राओं ने टॉप फाइव में अपना स्थान को प्राप्त किए हैं। टॉपर लिस्ट में वैशाली जिला के सीनियर सेकेंडरी स्कूल के छात्र भी शामिल है। जिसका नाम प्रिंस राज बताया गया है। जानकारी के लिए बता दूं की इसी जिले के विष्णु राय कॉलेज की छात्रा रूबी राय ने टॉपर में शामिल हुए थे। जिसको लेकर बोर्ड में बहुत सारे हंगामा होने के बाद इनका रिजल्ट को रद्द कर दिया गया था। उसके बाद बोर्ड द्वारा बहुत सारे कदम उठाए गए थे।
Bihar Board Farji Topper के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम
बोर्ड का ऐसा मानना है कि उनके द्वारा उठाए कदम सबसे बड़ा गंभीर कदम है। क्योंकि बिना किसी जानकारी एवं बिना किसी मेहनत के विद्यार्थियों को टॉपर लिस्ट में शामिल कर दिया जाता है। जिसके चलते पढ़ने लिखने वाले विद्यार्थी भी अपने परिणामों से ना खुश रहा करते हैं। इसी कारण को देशभर में सटीक तरीके से रिजल्ट जारी करने के लिए सरकार द्वारा तमाम कदम उठाने के बाद अब कुछ सालों से बेहतर एवं अच्छा रिजल्ट अभ्यर्थियों के बीच प्रस्तुत की जाती है।
Bihar Board Farji Topper List जगदीश उच्च माध्यमिक विद्यालय टॉपर का खुलासा
सरकार द्वारा ऐसा कदम इसलिए उठाए गए हैं। क्योंकि प्रिंस कुमार भी जिस वैशाली जिले से इंटरमीडिएट की पढ़ाई किया है। इसी जिले से रूबी राय 2016 में रूबी राय ने भी पढ़ाई की थी। जिन्हें कुछ साल पहले ही टॉपर लिस्ट में शामिल किया गया था। जब उनका इंटरव्यू लिया गया। तो उसे समय पता चला कि उनके पास किसी प्रकार की पॉलिटिकल साइंस से संबंधित जानकारी नहीं है। उन्हें गृह विज्ञान के बारे में पढ़ाया गया है। इस मामले में संपूर्ण दोषी उसके पिता को बताया जाता है। क्योंकि उनके पिताजी उसे लड़की के अध्यापक रहे हैं। जिसमें पूरा योगदान रूबी राय को टॉपर बनने में उनके पिता का रहा है। जिसके लिए बोर्ड की ओर से बहुत सारे कदम उठाए गए एवं उन्हें फर्जी टॉपर में गिनती किया गया।
जगदीश उच्च माध्यमिक विद्यालय टॉपर छात्र के बारे में दिए जानकारी
बिहार विद्यालय समिति के माध्यम से जगदीश उच्च माध्यमिक विद्यालय के टॉपर को कुछ दिनों पहले फर्जी में गिनती किया गया था जिसका नाम रुबीना बताया गया है। लेकिन इस बार भी यह जानकारी लोगों के बीच प्रस्तुत की गई है कि प्रिंस राजेश कुमार सिंह के पुत्र जिनका मूल नाम प्रिंस कुमार है इन्होंने भी वैशाली जिला के चमड़ा स्थित जगदीश माध्यमिक विद्यालय से अपना परीक्षा पास किए हैं। जिसमें प्रिंस राज को पूरे राज्य के साइंस में पांचवा रैंक दिया गया है। यदि प्रिंस राज की साइंस विषय में कुल अंकों की संख्या देखी जाए तो 474 (94.80%) बताई गई है। सरकार के माध्यम से इन्हें भी ₹15000 के साथ एक लैपटॉप उपलब्ध कराई जाएगी।
बिहार बोर्ड 2016 के टॉपर आर्ट्स विषय की रूबी राय को बताई गई थी। जो वैशाली जिला के भगवानपुर में विशुन राय कॉलेज की छात्रा थी रूबी राय के टॉपर होने के बाद व्यक्ति विवाद में बिहार बोर्ड ने इनका रिजल्ट को रद्द कर दिया था। जिसके लिए बोर्ड में पूरे हंगामा देखने को मिल थी।
Bihar Board Farji Topper List जानिए क्या था पूरा मामला?
जैसे कि हम सभी को पता है कि मीडिया रिपोर्ट के माध्यम से 2016 में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के माध्यम से आठ सब्जेक्ट की टॉपर रूबी राय को बनाई गई थी। रूबी राय से जॉब इंटरव्यू में सवाल जवाब पूछे गए तो पॉलिटिकल साइंस को उन्होंने मूल नाम प्रोडिकल साइंस दिया था। जो की बिल्कुल गलत है। इस पर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने पत्रकारों ने दूसरे सवाल किया तो उसने किसी भी विषय की जानकारी सही तरीके से नहीं की थी और रूबी राय ने जानकारी के दौरान यह खबर लोगों तक पहुंचाई कि उन्हें खाना बनाने के बारे में बढ़ाया जाता है। जिसमें टॉपिक घोटाले में बच्चा राय का नाम सामने नजर आता है। जो रूबी राय के माननीय पिताजी हैं। इसके बाद कॉलेज में छापामारी की गई। जिसमें यह जानकारी प्रस्तुत की गई की बिहार बोर्ड के टॉपर्स रूबी राय केवल इंटर पास करना चाहती थी। जिसके लिए उन्हें टॉपर में शामिल कर दिया गया। लेकिन रूबी राय का मकसद टॉपर बनना नहीं था।