Bihar Dakhil Kharij New Update
बिहार में दाखिल खारिज को लेकर वर्तमान समय में सरकार की ओर से एक से बढ़कर एक नए शब्द कानून लगाई जा रहे हैं। जिसके चलते अब जमीन की खरीद बिक्री करना भी काफी ज्यादा मुश्किल देखने को मिल रही है। यदि आप भी अपनी जमीन का दाखिल खारिज करने के बारे में सोच रहे हैं। तो आप सभी के लिए यह लेख काफी फायदेमंद साबित हो जा रहा है।
क्योंकि इस लेख के माध्यम से आप सभी को दाखिल खड़ी से संबंधित संपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा किया जा रहा है। तो इस लेख के अंत तक अवश्य बने रहे ताकि मैं आपको संपूर्ण जानकारी बताने में सहमत रहूं। जैसा कि हम सभी को पता है कि दाखिल खारिज करना हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। यदि हम अपने जमीन का दाखिल खारिज नहीं करवाते तो हमें कितना ज्यादा परेशानी भी देखने को मिल सकती है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने जमीन का दाखिल खारिज करना अत्यंत आवश्यक है।
दाखिल-खारिज को लेकर क्या कहते हैं ताजा आंकड़े?
- वर्तमान समय में नई आंकड़ा दाखिल खारिज को लेकर यदि देखा जाए तो ऐसा बताया जा रहा है कि 7.44 लाख से अधिक आवेदन लंबित है। जिसके कारण जमीन रजिस्ट्री में काफी ज्यादा परेशानी देखने को मिल रही है।
- साथ ही ऐसा देखा जाएगा की जमीन रजिस्ट्री को लेकर 80 परसेंट से अधिक गिरावट देखने को मिल रही है।
दाखिल खारिज करने और अस्वीकार करने की समय सीमा क्या है?
- नया नियम अनुसार ऐसा बताया जा रहा है कि बिहार में जमीन को लेकर दाखिल अधिकतम 90 दिनों के अंदर होना चाहिए। लेकिन कर्मचारी एवं पदाधिकारी द्वारा इस नियम को उल्लंघन करते हुए देखा जा रहा है।
- और लोगों द्वारा किए गए आवेदन को बिना किसी कहे सुने अस्वीकार किया जा रहा है।
विलंबित दाखिल-खारिज के पीछे मुख्य कारण क्या है?
- विभाग की ओर से यह जानकारी निकाल कर सामने आई है कि दाखिल खारिज को लेकर आवेदनों पर कोई भी कार्रवाई देखने को नहीं मिल रही है।
- क्योंकि ऐसा बताया जा रहा है कि दाखिल खारिज को लेकर आवेदक को निलंबित किया जा रहा है।
निम्नांकित जिलों में दाखिल खारिज लंबित है?
- पटना
- पूर्णिया
- सारण
- किशनगंज
- कटिहार
- मुजफ्फरपुर
- वैशाली
- पूर्वी चंपारण
- दरभंगा
- गया
- समस्तीपुर
- सहरसा
- पश्चिमी चंपारण
- रोहतास
- भोजपुर और भागलपुर
- सीतामढी
- नवादा
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