बिहार में, शिक्षा विभाग का नया फरमान घोषित किया गया है कि जुलाई महीने का वेतन ऑनलाइन उपस्थिति के आधार पर ही मिलेगा। ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले प्रधानाध्यापक और शिक्षक अनुपस्थित माने जाएंगे। कुछ शिक्षक तकनीकी रूप से दक्ष नहीं हैं, जिसके कारण उन्हें परेशानी हो रही है।
ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य कर दी गयी
बिहार शिक्षक समाचार: शिक्षा विभाग ने राज्य के प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य कर दी है। इसके आधार पर प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों का जुलाई माह का वेतन निर्धारित होगा। जिनकी ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज नहीं होगी, उन्हें भुगतान नहीं किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अनुसार, ऑनलाइन उपस्थिति नहीं बनाने वाले प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को अनुपस्थित माना जाएगा।
ऑनलाइन उपस्थिति को दूर करने का प्रयास
शिक्षा विभाग ने हर जिले में सभी प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति की पूरी व्यवस्था की है। ऑनलाइन उपस्थिति बनाने में किसी तरह की असुविधा न हो, इसके लिए जिला स्तर के पदाधिकारी से लेकर प्रखंड स्तर के पदाधिकारी तक सभी सतर्क हैं। इसके लिए प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जा रहा है।
अगर किसी तकनीकी समस्या का सामना हो, तो इंस्पेक्टर से संपर्क करें।
प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को विभाग द्वारा ऑनलाइन उपस्थिति बनाने के लिए तकनीकी सहायता के लिए विद्यालय निरीक्षण रोस्टर के निरीक्षी पदाधिकारी-कर्मचारी से संपर्क करने की घोषणा की गई है। साथ ही, उन्हें मोबाइल एप में मार्क आन ड्यूटी पर गलती से क्लिक नहीं करने कि सलाह दी गई है।
इस लापरवाही से गैरहाजिर माने जाएंगे शिक्षक
अब एप के माध्यम से शिक्षक या प्रधानाध्यापक गैरहाजिर माने जाएंगे अगर मार्क आन ड्यूटी क्लिक किया जाए। कार्य 25 जून से ही शुरू हुआ है जहाँ से पांच लाख शिक्षकों की उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज की जा रही है।