दो निजी कंपनियों के मीटर उपभोक्ताओं के साथ-साथ बिजली विभाग के अभियंताओं को भी परेशान कर रहे हैं। जब बिल ज्यादा आते हैं, उपभोक्ता बिजली उपकेंद्र के चक्कर लगाने मजबूर हो जाते हैं। इस मीटर को लगाने के बाद जनता का बिजली बिल पहले महीने में 43000 आ चुका है.
विभाग की तरफ से परेशानी
दो कंपनियों की गलती की वजह से मीटर लगाने वाले उपभोक्ता कई दिनों से परेशान है बिजली विभाग की तरफ से परेशानी आने पर अभी तक कोई सुनवाई भी नहीं की गई है। विभाग की तरफ से उन्हें नोटिस भेजा जा रहा है, कि उनका नाम बकायदार की सूची में है और वह परेशांन होकर बिजली विभाग के चक्कर काट रहे हैं। ऐसे में आम जनता को बहुत तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है वही सारे ऑफिसर दावा कर रहे हैं कि जल्द से जल्दी से सुलझा दिया जाएगा।
उपभोक्ताओं का बिल तो 11600 है बाकी
हम आपको बता देंगे इस मामले को लोगो के पास पहुंचाया गया तो उन्होंने बताया है कि उपभोक्ताओं का बिल तो 11600 है बाकी के जो बिल आ रहे हैं। वह तो इन ऑपरेटिंग बताया जा रहे हैं और साथ ही इससे उपभोक्ताओं को कोई लेना देना नहीं होगा हालांकि बैठक में यह बताया गया है कि इस समस्या को कब तक दूर किया जाएगा।
इसका संविधान ला सकते हैं
और खंड स्तर पर बैठे ऑफीसरों पर सारी समस्या निर्भर करता है कि वह कब तक इस समस्या को दूर करके इसका संविधान ला सकते हैं। जैसा कि बताया जा रहा है सिर्फ दो कंपनियों के मीटर में ही समस्या बताई जा रही है, और सरकारी से दूर करने के काम में भी लगी हुई है ऐसा आशा बताया जा रहा है कि सब ठीक है बस इस वीक के अंत तक इस समस्या का समाधान जरूर हो जाएगा।