स्पेन में लगभग 60 साल पहले कांस्य युग का एक खजाना खोजा गया था, जिसमें सोने के बर्तन और चूड़ियां शामिल थीं। हाल ही में एक नई रिसर्च से पता चला है कि इस खजाने की दो कलाकृतियां उल्कापिंड के लोहे से बनी थीं। उस समय इस क्षेत्र में इस तरह की धातु की तकनीक बहुत उन्नत मानी जाती थी। इस खजाने को ‘विलेना का खजाना’ कहा जाता है, जिसे 1963 में खोजा गया था।
जांच से पता चला कि ये वस्तुएं करीब 1400 से 1200 ईसा पूर्व के बीच बनाई गई थीं। शोधकर्ताओं ने अपने पेपर में लिखा है कि विलेना के खजाने से मिली टोपी और कंगन संभवतः इबेरिया प्रायद्वीप में लोहे के पहले दो टुकड़े हो सकते हैं। हालांकि, वस्तुओं के गंभीर क्षरण के कारण परिणाम पूरी तरह स्पष्ट नहीं हैं। यह खोज इस क्षेत्र में धातु के उपयोग के बारे में हमारी समझ को नया आयाम दे सकती है।
आधारित धातु विज्ञान और उत्कृष्ट धातुओं से पूरी तरह अलग
इन सवालों के नहीं मिल रहा है जवाब को बताने की कलाकृतियों के संरक्षण के कारण निष्कर्ष अभी तक नहीं मिल पाया है. साइंटिस्ट साइंटिस्ट को उम्मीद है की विशेष लेसन की पुष्टि के लिए वह नई तकनीक का इस्तेमाल जरूर करेंगे साइंटिस्ट ने कहा है कि लोहे की तकनीक तांबे आधारित धातु विज्ञान और उत्कृष्ट धातुओं से पूरी तरह अलग होती है.
लेकिन साइंटिस्ट को अभी तक इसके बारे में पता नहीं चल पाया है कि यह सारी वस्तुएं को किसने बनाया और कब बनाया और कहां बनाया लेकिन वह जानते हैं कि प्रदीप में पाए जाने वाले पहले और सबसे पुराने है.
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