यूपी राज्य सरकार के कर्मचारियों, कार्यकर्ताओं और स्वायत्त संगठनों के कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है। कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ा दी गई है। पहली सीमा 20 लाख थी। सीमा सीमा की प्रारूपिकता 20 लाख थी। केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद, सीमा की सीमा अब 25 लाख के लिए निर्धारित की गई है। लोकसभा चुनाव के दौरान कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ा दिया गया। डीए में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
DA में 50 फीसदी की बढ़ोतरी
कर्मचारियों के डीए बेसिक पे में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी। उसके बाद से ही रिटायरमेंट ग्रेच्युटी (सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी) और डेथ ग्रेच्युटी (मृत्यु ग्रेच्युटी) के साथ अन्य भत्तों में वृद्धि की उम्मीद बनी हुई थी। अब सरकारी कर्मचारियों को उपहार देने की दिशा में आगे बढ़ना है। अब रिटायरमेंट और डेथ ग्रेच्युटी की सीमा 25 फीसदी बढ़ाकर 20 लाख रुपये से 25 लाख रुपये में बदल दी गई है।
16 लाख व्यक्तियों को लाभ पहुंचाया जाएगा
संक्षिप्त में, यह रिपोर्ट बताती है कि लगभग 16 लाख कर्मचारियों को इससे यूपी में लाभ होगा। दो जुलाई को इसकी जानकारी वित्त विभाग के विशेष सचिव नील रतन कुमार ने दी। उन्होंने इस मामले में शासनादेश जारी किया।
25 प्रतिशत की वृद्धि ग्रेच्युटी में
उत्तर प्रदेश वेतन समिति (2018) के प्रस्तावों के अनुसार इस शासनादेश को जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लिखित है कि सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये होगी। यदि महंगाई भत्ते को वेतन का 50 फीसदी बढ़ा दिया गया है, तो ग्रेच्युटी की सीमा 25 फीसदी बढ़ जाएगी।
सरकारी आदेश के अनुसार, महंगाई भत्ते की दर अब मूल वेतन का 50 प्रतिशत है, जिसके बाद सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारियों को दी जाने वाली ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये होगी, जैसा कि 23 दिसंबर 2016 के आदेश में व्यवस्थित किया गया था।
ग्रेच्युटी किसे प्राप्त होती है?
ग्रेच्युटी एक लाभप्रद योजना है। यदि किसी कर्मचारी ने लगातार कम से कम पांच वर्षों तक किसी जगह पर काम किया हो, तो उसे ग्रेच्युटी प्राप्त हो सकती है। समान धारणा के अनुसार, 1972 के अधिनियम के अनुसार, कर्मचारी को सेवा समाप्ति, मृत्यु या इस्तीफे पर ही ग्रेच्युटी की यह राशि मिलती है।