KK Pathak द्वारा 1.5 करोड़ विद्यार्थी को मिलेगी मुफ्त किताबें
नए नियम अनुसार सरकारी स्कूलों में स्कूली बच्चों को मुफ्त में किताब का वितरण किया जाएगा। विद्यार्थी के सत्र आरंभ होते हैं उन्हें किताब प्रोवाइड कराई जाएगी क्योंकि आजकल ज्यादातर विद्यार्थियों के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहे हैं। जिसे देख KK Pathak द्वारा 1.5 करोड़ विद्यार्थियों को मुफ्त में किताबें दी जाएगी। जैसा कि हम सभी को पता है। कि बिहार में कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के बच्चों को किताब उपलब्ध कराई जाती है।
जिन्हें परिवर्तन करने के ठीक बाद ही विद्यार्थियों को अपना खुद का किताबें खरीदना पड़ता है। इस नियम को उल्लंघन करते हुए बिहार के शिक्षा मंत्री द्वारा अब नवमी से 12वीं तक के बच्चे को भी मुफ्त में किताब देने का इसके बारे में जानकारी को इस आर्टिकल के माध्यम से आप सभी के साथ साझा किया जा रहा है। तो इस आर्टिकल को ध्यानपूर्वक अवश्य ले ताकि आपको भी मुफ्त में किताबें मिल पाए।
KK Pathak द्वारा 1.5 करोड़ किताबें विद्यार्थी को कब से मिलेगी
इस बार नवमी से 12वीं तक के बच्चों को भी सरकार ने मुफ्त पाठ्य पुस्तक की किताबें देने का निर्णय लिया है। सभी किताबें बीआरसी भवन में पहुंच चुकी है। साथी अधिक हेड मास्टर को बीआरसी के माध्यम से किताबें को उपलब्ध कराई गई है। जिन्हें सत्र के शुरुआती में बच्चों के बीच किताबों को उपलब्ध कराई जाएगी।
कहां कितनी किताबें आई पहला वर्ग में
रिपोर्ट अनुसार प्रत्येक विद्यार्थियों के बीच या जानकारी प्रस्तुत की गई है। कि प्रथम वर्ग में नामांकित 3181 बच्चों को जबकि दूसरे वर्ग में उपस्थित नामांकित 3714 बच्चों को 2261 किताबें प्रोवाइड कराई जाएगी। वहीं तीसरी चौथी और पांचवी के 4760, 3040 और 4330 बच्चों को मुफ्त में किताब दी जाएगी। इनके अलावा सातवीं से आठवीं के बच्चे को 2487 एवं 2406 अच्छे बच्चे को को किताबें का वितरण हेड मास्टर द्वारा स्कूल में की जाएगी।
बारहवीं तक के बच्चों को इस वर्ष किताब निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है?
जैसा कि हम सभी को पता है कि पिछले कुछ वर्षों से केवल छठी से सातवीं तक के बच्चे को मुफ्त में किताब दी जा रही थी। इस नियम को खत्म करके केके पाठक के माध्यम से एक नया बयान दिया गया। जिसके माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी को जो उच्च शिक्षा को प्राप्त करना चाहते हैं।
उनके लिए 12वीं तक के बच्चे को निशुल्क में किताब दी जाएगी। लोगों का मानना है कि सत्र आराम करने से पहले ही प्रत्येक विद्यार्थी को किताब की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी जाए। ताकि उन्हें पढ़ाई करने में किसी प्रकार की परेशानी ना हो।
शिक्षक विभाग कर्मचारी का मानना है कि इस निशुल्क किताब को केवल 75% विद्यार्थियों को इनका लाभ मिलेगा। क्योंकि सर्वे अनुसार ऐसा अनुमानित लगाया गया है। कि सरकारी स्कूल में 25 परसेंट ऐसे नामांकित बच्चे होते हैं। जो स्कूल नहीं जाते हैं। इसलिए नामांकित छात्रों को जो प्रतिदिन स्कूल जाते हैं उन सभी बच्चों को 75 फीसदी ही किताब उपलब्ध कराई जाएगी। पुस्तकों की कमी होने के बाद पुनः उपलब्ध कराई जाएगी।