आज इस लेख में हम बात करने वाले है कर्मचारी के बारे में क्या नई खुशखबरी आ रही है सामने उनको लेकर, इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें हमने इस आर्टिकल के मध्यम से आपको सारी जानकारी दी है। इस मामले में अंबाला निवासी मनोज घई ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि उन्हें 58 साल की उम्र में सेवानिवृत्त कर दिया गया। उन्हें दो साल की सेवा विस्तार की प्रावधानिक नीतियों के अनुसार प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित था।
हाईकोर्ट ने की सुनवाई
तो आइए जानते है क्या सुनवाई दी है हाई कोर्ट ने और क्या नया बदलाव आया है। हम आपको जारी जानकारी देंगे। हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई की और इस अवैध सेवानिवृत्ति को गलत ठहराकर निर्णय दिया। हाईकोर्ट ने इस मामले में हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर विस्तृत जवाब मंगा है।
दिव्यांग कर्मचारी के लिए आदेश
इसके साथ ही, निर्देशक ने सरकार को वह दिव्यांग कर्मचारी सेवाग्रहण के अधिकार देने के लिए भी आदेश दिया है। निर्देश भी सेवाग्रहण के अधिकार देने के लिए हैं। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के इस निर्णय के बाद, दिव्यांग कर्मचारी सरकारी नौकरी में वापस लौट सकते हैं, उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद सभी लाभ प्रदान किए जाएंगे।
उच्च न्यायालय द्वारा निर्णय
उच्च न्यायालय के तरफ से बहुत बड़ा फैसला दिया गया है जिससे की सारी परेशानी एक भी बार दूर कर दी जाएगी। तो चलिए जानते है क्या आया है फैसला। उच्च न्यायालय द्वारा दिये गये निर्णय से इस विषय पर बड़ी याचिका का समाधान हुआ है और दिव्यांग कर्मचारियों को उनके अधिकारों का सम्मान मिला है। जिससे की सभी दिव्यांग लोगो को फायदा मिल सके और सरकार उनकी सहायता कर सके।
यह भी पढ़ें