कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को राज्य के कर्मचारियों के लिए बड़ा एलान किया। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सरकारी कर्मचारियों के वेतन और पेंशन में 58.5 प्रतिशत बढ़ाव का निर्णय लिया। सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार, 1 जुलाई 2022 से वेतन और पेंशन में वृद्धि लागू की जाएगी। इस वेतन संशोधन में कर्मियों के एचआरए (HRA) में भी वृद्धि है।
सरकार के वित्त को प्रभावित होगा
आचार्य बालकृष्णन ने उपनिवेशकों के दुबारा उनके जीते गए प्रस्तावों को एकत्र करने के लिए एक झारखंड सर्वेक्षण गठित किया। उन्होंने एक दिशा निर्देश जारी किया है जिसमें प्रस्ताव की सुविधाएं और कमिटी की सिफारिशों का मूल्यांकन किया गया है।
वेतन और पेंशन में कितनी वृद्धि होगी, इसकी जानकारी प्राप्त करें
सीएम सिद्धारमैया ने बताया कि न्यूनतम मूल वेतन 17,000 रुपए से बढ़कर 27,000 रुपए होगा, जबकि अधिकतम वेतन 1,50,600 रुपए से बढ़कर 2,41,200 रुपए होगा। न्यूनतम पेंशन 8,500 रुपए से बढ़कर 13,500 रुपए और अधिकतम 75,300 रुपए से बढ़कर 1,20,600 रुपए होगी।
HRA-DA में भी बढ़ोतरी
7वें वेतन आयोग के अनुसार, कर्मचारियों को हाउस रेंट अलाउंस (HRA) में 32 प्रतिशत की बढ़ोतरी मिलेगी। कर्मचारियों को उनके मूल वेतन में 27.50 प्रतिशत फिटमेंट एन्हांसमेंट के साथ 31 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA) भी मिलेगा। गैर-शिक्षण विश्वविद्यालयों, सहायता प्राप्त शिक्षण संस्थानों और स्थानीय निकाय कर्मचारियों को 7वें वेतन आयोग से लाभ मिलेगा।
धिकतम सीमा 25 लाख रुपये
आजकल, राजस्थान में भी संयोग से राज्य सरकार के कर्मचारियों के लिए स्नातक स्तर की पढ़ाई के लिए 20 लाख रुपये की सीमा थी, लेकिन अब यह सीमा पांच लाख रुपये तक बढ़ा दी गई है। अब स्नातक परीक्षा की अधिकतम सीमा 25 लाख रुपये है। कुछ महीने पहले एक अधिसूचना जारी की गई जिसमें सरकारी कर्मचारियों की पेंशन और ग्रेच्युटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया गया है। इस बार राजस्थान भी उसी रास्ते पर चला।