supreme court’s big decision: सुप्रीम कोर्ट के द्वारा पैतृक संपत्ति को लेकर एक बड़ी खबर सुनाई जा रही है। जिसके तहत यह जानकारी सुचारू रूप से जाहिर किया जा सकता है कि यदि कोई व्यक्ति को किसी प्रकार की कर्ज को चुकानी होती थी। तो अपने पिता की संपत्ति को बेचकर वह कर्ज को चुकाया करता था। लेकिन इस नियम को संपूर्ण तरीके से सुप्रीम कोर्ट के द्वारा बदल दी गई है। जिसके बारे में संपूर्ण डिटेल जानकारी इसलिए के माध्यम से बताई गई है।
54 साल पुराने मामले का निपटारा
देखा जा रहा है कि 55 साल बाद इस मामले को आधिकारिक रूप से बदला जा रहा है। जानकारी प्रस्तुत की जा रही है कि कोर्ट द्वारा यदि पिता पुत्र के बीच किसी प्रकार की अनावश्यक लड़ाई होती है। ऐसे में यदि तो बेटे द्वारा पिता की संपत्ति को बेच दी जाती थी। जबकि इसमें नए नियम को लागू किया गया है जो की काफी गैर कानूनी तौर पर बताई जा रही है।
कानूनी प्रावधान और न्यायाधीशों का मत
बताया जा रहा है कि पैतृक संपत्ति तो प्रावधान सबसे ज्यादा पिता का होता है। उसके बाद ही उसका हक बेटे पर देखने को मिलता है। लेकिन जब तक पिता का अधिकार किसी भी जमीन से ना निकले तब तक बेटे का अधिकार उसे जमीन पर किसी प्रकार की नहीं देखने को मिलती है। ऐसे में पैतृक संपत्ति को बेटे द्वारा किसी भी हालत में नहीं बेची जा सकती है।
कर्ता के अधिकार और सीमाएं
पिता के बिना कहाँ पर बेटे या पोते द्वारा जमीन की बिक्री की जाती है तो ऐसे में उसके खिलाफ केस एवं मुकदमा पिता के द्वारा की जा सकती है ऐसे में बेटे एवं पोता को जेल जाने के साथ जुर्माना भी देने पर सकते हैं।
ऐसे में आप सभी से निवेदन है कि यदि आपका भी पास पैतृक संपत्ति है तो आप अपने पिता एवं दादा से राय लेकर ही उसे जमीन की खरीद बिक्री करता कि आपको भविष्य में किसी प्रकार की परेशानी देखने को ना मिले.
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