Supreme Court News 2024
वर्तमान समय में सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह जानकारी निकलकर सामने आई है कि अब घर का किराए एक अस्थाई इनकम होता है। इसलिए लोगों द्वारा सभी इनकम को घर के प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट कर दिए जाते हैं। उसके बाद मलिक किन्हीं अन्य कार्य में व्यस्त हो जाते हैं। या फिर किसी अन्य आने देश में चले जाते हैं जिसके चलते उनका किराए का पैसा उनके बैंक अकाउंट में हर महीने किराएदार द्वारा उपलब्ध कराए जाते हैं।
जो भी व्यक्ति अपने मकान को किराए पर किसी अन्य व्यक्ति को देते हैं। उनके लिए कुछ खास जानकारी जानना अत्यंत आवश्यक है। ताकि उन्हें किसी प्रकार की प्रॉपर्टी से रिलेटेड समस्या देखने को ना मिले। हमारे देश में प्रॉपर्टी को लेकर कई सारी दुनिया में एवं शर्तें लोगों के बीच प्रस्तुत की गई इसके बारे में डिटेल्स जानकारी इस लेख के माध्यम से प्रत्येक मलिक के बीच साझा किया जा रहा है।
किराएदार आपकी प्रॉपर्टी पर कब्जे
ऐसा देखा जा रहा है कि वर्तमान समय में अंग्रेज का बनाया हुआ एक कानून है। जिसके तहत प्रतिकूल कब्जा यानी अंग्रेजी शब्द में कहीं जाए तो Adverse Possession इस कानून के अनुसार 12 साल में जो भी किराएदार एक प्रॉपर्टी पर किराए के तौर पर रहते हैं। उनका हक 12 साल के बाद उसे जमीन पर या फिर उसे प्रॉपर्टी पर बन जाता है।
लेकिन इसके लिए भी आपको कुछ नियम एवं शर्तें जाना अत्यंत आवश्यक है। जैसा कि मलिक ने 12 साल की अवधि में कोई भी मकान पर कब्जे से संबंधित रोक-टोक को लेकर ना करें। जिसका मतलब यह साफ-साफ पता चलता है की प्रॉपर्टी पर किराएदार का कब्जा होते चले जा रहा है। इसलिए आप इस नियम को जानकर सतर्क रहें वरना आपके साथ भी धोखाधड़ी हो सकती है।
12 साल के अंदर किराएदार कर सकते हैं कब्जा
सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी एक मकान पर लगातार 12 साल तक रहते हैं। उसे पर उसे व्यक्ति का हक 50 परसेंट से अधिक देखने को मिलता है इसलिए नए नियम अनुसार सुप्रीम कोर्ट का आदेश यह है। कि जो भी मालिक अपने किराए पर जो भी मकान को लगाए रखे हैं। उन पर उनका हक पूरा होना चाहिए। जिसके लिए उन्हें अपने मकान में रहना अत्यंत आवश्यक है। तभी उस जमीन पर किसी अन्य व्यक्ति की कब्ज देखने को नहीं मिलेगी।
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