सुप्रीम कोर्ट की ओर से एक नई फैसला लोगों के बीच प्रस्तुत की जा रही है कि महिलाओं का पैसे संपत्ति पर अधिकार अब काफी अधिक देखने को मिल सकती है। ऐसा बताया जाता है कि विभाजन के समय हिंदू परिवारों में महिलाओं को जमीन का अधिकार आवश्यक प्राप्त होना चाहिए। चलिए पूरा मामला क्या है जानते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के द्वारा हाल ही में या खबर सुनाई जा रही है कि बैटरी संपत्ति को लेकर महिलाओं का अधिकार खासकर हिंदू धर्म में पूर्ण तरीके से होना चाहिए। जबकि ऐसा देखने को नहीं मिलती है।
परिवार की संपत्ति पर महिला का अधिकार
सेक्शन 14 के तहत प्राथमिक संपत्ति पर पूर्ण अधिकार हिंदू महिलाओं के होनी चाहिए। क्योंकि संपत्ति पाने का अधिकार पुरुषों के साथ महिलाओं को होती है। ऐसा कहा जाता है कि महिलाओं द्वारा जो भी संपत्ति अर्जित की जाती है। उन पर अधिकार महिलाओं का ही होना चाहिए।
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा या कैसे सुने जा रही है क्या स्पष्ट रूप से महिलाओं जो आपने परिवारों के हकदार हैं। उन्हें पैतृक संपत्ति पर अधिकार होना अनिवार्य है। क्योंकि कोर्ट के द्वारा यह जानकारी प्रस्तुत की जाती है कि महिलाओं का हक संपत्ति को लेकर अवश्य रहता है।
सुप्रीम कोर्ट में केस
सुप्रीम कोर्ट के बारे में जानकारी प्रस्तुत की जाती है कि विधवा महिला का गोद लिया हुआ बेटा संपत्ति मां का अधिकार एवं बंटवारे का कारण संपूर्ण अधिकार व्यक्तियों के पारिवारिक सदस्यों के पास होती है।
ऐसे में यदि किसी व्यक्ति के पास पैतृक संपत्ति है एवं वह सही तरीके से बंटवारा करना चाहते हैं। जिसके लिए आपको महिलाओं के अलावा पुरुषों की हक जितना जमीन बनती है। उसका आधा-आधा दोनों को देखने को मिलेंगे। क्योंकि यह जानकारी लोगों के बीच सुप्रीम कोर्ट के द्वारा प्रोवाइड कराई जा रही है।
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